टूटते सपने
टूटते सपने
टूट जाते हैं अक्सर वो सपने,
बड़ी शिद्दत से जिन्हे संजोते हैं!!
दूसरों की क्या कहें जनाब
तोड़ने वाले अपने ही होते हैं!!
खुशियों पर ताले लगते हैं
गम बेताले के होते हैं!!
दिखते हैं फिर नए सपने,
और हम फिर सपनो में खोते हैं!!
टूट जाते हैं अक्सर वो सपने,
बड़ी शिद्दत से जिन्हे संजोते हैं!!
दूसरों की क्या कहें जनाब
तोड़ने वाले अपने ही होते हैं!!
खुशियों पर ताले लगते हैं
गम बेताले के होते हैं!!
दिखते हैं फिर नए सपने,
और हम फिर सपनो में खोते हैं!!