ठहर जाओ ज़रा।
ठहर जाओ ज़रा।
कितना परिश्रम करना बाकी है?
आखिर सब कुछ तो पा लिया।।
ये दुनिया हस्ती रही तुम आगे बढ़ते रहे,
क्या कभी सोचा है अपने बारे में?
नहीं ना तो अब सोचो।
तुम्हारे कदम चलते चलते थक गए हैं।।
थोड़ा विश्राम भी कर लिया करो।
क्यों? मुस्काते हुए सारा भार उठा लेते हो।।
तुम्हारा यहां कोई नहीं,
संभल कर चलो।
कई बार ठोकर खाकर ऊपर वाले को याद करोगे।
ठहर जाओ ज़रा।।
