आज फिर से दिल भर आया।
आज फिर से दिल भर आया।
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ना जाने क्यों,
दुनिया के साथ चलते चलते,
मैं खुद को भूल गई।
उन दोस्तों मैं,
खुद की यारी ढूंढने लगी।।
लगता है जैसे आज भी वो मेरे लिए इंतजार कर रहे हैं।।
आज फिर से दिल भर आया,
उन्होंने मुझे बहुत सी बातें सिखाई।।
शायद मैं ही नहीं समझ पाई,
ये दिल इस बात पर भर आया की इस बेवफा दुनिया में मेरा कोई भी नहीं है।।
दोस्ती और दुश्मनी में ज्यादा फर्क नहीं था।।
वो छोड़ कर जाते रहे और मैं उनका रास्ता देखती रही।।
आज फिर से दिल भर आया।।
