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ranadheer singh

Abstract

4.2  

ranadheer singh

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तेरी स्वास में है भारत, तेरी शान है तिरंगा

तेरी स्वास में है भारत, तेरी शान है तिरंगा

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तेरे श्वास में है भारत

तेरी शान है तिरंगा

तेरे हौसले से ही सैनिक

हिंदुस्तान है यह जिंदा।


कभी दोस्तों को खोया

कभी अपनों के लिए रोया

कभी सरहदों के खातिर

खाते रहे हम गोली।

(तेरी स्वास.......)


मां भारती तुम्हें नमन है

मेरी जान भी अर्पण है

साथी मैं चलता हूं

सब को अलविदा कहता हूं।

तेरी स्वास...)


मां भारती की रक्षा के खातिर

उस मां को छोड़ आया

जिसने मुझे तन का, लहू था पिलाया

अब पलकें छपक रही हैं

मुझे मौत ने बुलाया।(तेरी सास......)


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