प्रकृति के सुंदर अंतर्मन को जो भी चोट पहुंचाएगा
प्रकृति के सुंदर अंतर्मन को जो भी चोट पहुंचाएगा
'फिर कोरोना आ जाएगा'
प्रकृति के सुंदर अंतर्मन को,
जो भी चोट पहुंचाएगा।
तब - तब दुर्दशा होगी मनुष्य की,
फिर कोरोना आ जाएगा।
कोरोना नहीं सामान्य बीमारी,
यह है वैश्विक महामारी संकट में चीन,
स्पेन, और इटली, लाखों वहां से अर्थी निकली
भारत अब तेरी है बारी, बचने की कर ले तैयारी
आओ मिलकर कदम बढ़ाए,
सोशल डिस्टेंसिंग अपनाएं।
मास्क, सैनेटाइजर है अपनी मजबूरी,
बिना स्वच्छता जीवन की कहानी है अधूरी
विश्व गुरु जब कमर कसेगा,
कोरोना फिर बच ना सकेगा
आओ मिलकर इतिहास बनाएं,
टेलीमेडिसिन, लाकडाउन का अभियान चलाएं।
घबराओ ना काशीवासी,
मैदान में है हर भारतवासी
पी.एम. करे जब खुद रखवाली
भारत में फिर हो दिवाली हम सबने है आवाज उठायीं,
कोरोना की करो विदाई जन-जन को जागरूक बनाएं
जनता कयूं को अपनाएं।
प्रकृति के सुंदर अंतर्मन को
जो भी चोट पहुंचाएगा।
तब-तब दुर्दशा होगी मनुष्य की,
फिर कोरोना आ जाएगा।