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Abhijit Tripathi

Romance

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Abhijit Tripathi

Romance

तेरे संग में

तेरे संग में

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गमों को है पीना और घावों को सीना,

तेरे संग में मरना तेरे संग में जीना।


मैं जब तक जियूं तू रहे मेरे दिल में,

मैं मरकर भी जिन्दा रहूं तेरे दिल में।


तुझे पाके सारा जहां अलविदा है,

मेरी हर इबादत का तू ही खुदा है।


तू मंदिर या गिरजा रहे या मदीना,

तेरे संग में मरना तेरे संग में जीना।


कोई भी ना ख्वाहिश, ना सपना हो मेरा,

ना जिसमें मिलेगा मुझे साथ तेरा।


आसमां की बुलंदी पे संग हाथ हो,

सागर की लहरों में तू साथ हो।


भंवर में हो अपनी भले ही सफ़ीना,

तेरे संग में मरना तेरे संग में जीना।



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