तेरा मेरा मिलना
तेरा मेरा मिलना
शुनशान किसी जगह पर
तेरा मेरा मिलना हो,
शाम के हसीन नज़ारे हो
चांद हो, मै हूं
और सिर्फ तुम हो,
होठों पे हमारी लब्ज़ कम,
खामोशी ज़्यादा हो,
तेरे हाथो की लकीरों में
मेरे लकीरों का मिलना हो,
तुझे खबर लगे
देखने की तुझको,इससे पहले ही
मेरी नज़रें चुराना हो
सिरहाने तेरे, मेरी यादों का
शमा सी जलना हो
उठे जो आफ़ताब उस से
वो तेरा घर, तेरी गली हो
कुछ वादें तेरी जुबानी,
कुछ कसमे मेरी जुबानी हो
ज़िक्र है तेरा यहां
सब के ज़ुबान पे,
तेरे नाम के साथ बातें मेरी भी हो
सुनसान किसी जगह पर
तेरा मेरा मिलना हो,
शाम के हसीन नज़ारे हो
चांद हो, मैं हूं
और सिर्फ तुम हो।