STORYMIRROR

Amita Pani

Romance Classics

4  

Amita Pani

Romance Classics

और फिर ..

और फिर ..

1 min
354

बिछड़ते वक्त, एक दर्द और दे गया

दिल में रहा, फिर दिल ही ले गया


अब खाली बादल है, ज़िंदगी मेरी

वो सर्दी गर्मी, सारे मौसम ले गया


यही सोच कर रोता हूं, अक्सर मैं

किस जगह अपने, कदम ले गया


छोटी-छोटी बात,सोचने वाला मैं

क्यूं बड़ा फैसला, एकदम ले गया


तोहफ़े भी लिए, और दिए बहुत

वो खुशी ले गया, मैं गम ले गया


और फिर होतीं रहीं, बारिशें वहां

मैं जहां से भी आंखें, नम ले गया।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance