तेरा आशियाना
तेरा आशियाना
खाली घर
हर तरफ़
असहाय
घूरती निर्जीव वस्तुएँ
एक अज़ब सन्नाटा
बिलखती तन्हाई
आज
अकेलेपन का
एहसास दिला रही है
बता रही है
समझा रही है
ऐ इन्सान तू अकेला है
जान ले
पहचान ले
यहाँ सब मृगमारीचिका है
सिर्फ पल भर का नज़ारा
सभी रिश्ते
यहीं बनते हैं
और
अन्त समय यहीं छूट जाते हैं
कोई आगे कोई पीछे
तू अकेला अपने आप में
एक पूर्ण परिपक्य जीव है
अपने भीतर झाँक
और डूब जा
उस उजाले में
जो तेरे अन्तस मन में
समाया हुआ है
इन आँखों से नज़र आने वाला
हर मंज़र
एक ख़्वाब है
जो वक्त बेवक्त टूट कर
बिखर जायेगा
तू अकेले ही आया था
अकेले ही रहना है
और अकेले ही
चले जाना है
तू अपनी अकेले
एक
अलग दुनिया बसा
त्याग दे
मोह माया लोभ क्रोध
और
पल भर के
सभी कहे अनकहे
अनगिनत रिश्ते
रौशनी से जगमगाता
तेरा आशियाना
वही है
जहाँ तू , तू और सिर्फ तू हो
