ताटक छंद...
ताटक छंद...
कुल मात्रा 30,16/14यति, पदांत 222
विधा-गीत,सृजन-नया सवेरा आएगा
धीरज धरना सीखो प्यारे,
वक्त तुम्हें गुर्राएगा ।
संबल देना मन को अपने,
नया सवेरा आएगा ।।
सुख-दुख का यह चाक चलेगा,
दुख के घन घिर आएंगे ।
मरुत प्रभंजन प्रबल प्रतापी,
नित-नित तुम्हें डराएंगे ।
जो कसकर कटि खड़ा रहेगा,
वह समर जीत जाएगा ।
संबल देना मन को अपने,
नया सवेरा आएगा ।।
