सूरत
सूरत
तेरी सूरत पर नहीं
सीरत पर नाज है
तू मेरे सुख-चैन
ऐशोआराम का साज है।
ख्वाबों की जादूगरी में
तेरा ही राज है
तू ही कल था
तू ही मेरे पास आज है
तेरे मेरे बीच दूरियाँ होना गमखाज है
आज तू ही मेरा
हमसफर सरताज है
तेरी दुनिया में
मेरी भी इक आवाज है
तुझसे ही मेरे
जज्बातों का आगाज है
दूर तुझसे रहना
दिल की हवालात है
जुदाई का दर्द
आईना टूटने की आवाज है
अर्ज करती है "निशा"
फलक के सितारों से
हरपल चाँदनी
चाँद के लिए मोहताज है।