सुकून
सुकून
भटकता रहा जिसकी तलाश में दरबदर
उसको कही भी न मैंने पाया
ढूंढ रहा था दिल जिस सुकून को
माँ तेरी गोद में समा कर ही आया।
भटकता रहा जिसकी तलाश में दरबदर
उसको कही भी न मैंने पाया
ढूंढ रहा था दिल जिस सुकून को
माँ तेरी गोद में समा कर ही आया।