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Abhishek Singh

Abstract

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Abhishek Singh

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सत्य तो माँ है

सत्य तो माँ है

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सत्य जो हर कोई,

जानना चाहता है

सत्य जो हर कोई छुपाता है

सत्य जो कोई नहीं बताता है।


सत्य तो जीवन है

सत्य जो आख़री है

सत्य जो मुश्किल है

सत्य जो सत्य है

सत्य तो अनेक है।


सत्य जो हर,

किसी का अपना है

सत्य जो अनन्त है

सत्य जो असत्य है

सत्य तो बिकता है

सत्य जो ब्रम्हाण्ड है।


सत्य जो ईश्वर है

सत्य जो प्रेम है

सत्य तो माँ है

सत्य को अपनाइए।


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