सफलता
सफलता
ईमानदारी, मेहनत, कर्मण्यता से,
हम आगे बढ़ सकते हैं।
मार्ग की हर बाधा को पार करके,
एक नई इबारत गढ़ सकते हैं।
जो अकर्मण्य, आलसी होते हैं,
वो पथ पर भटक जाते हैं।
हर मुश्किल पर हार मान,
बाधाओं में अटक जाते हैं।
जो होते धैर्यशील, ज्ञानी मानुज,
वो परचम लहराते हैं।
अपनी मंजिल को पा करके,
खुद का लोहा मनवाते हैं।
कर्म करो, न यूँ बैठो,
मंजिल झट से मिल जाएगी।
फहरेगा तेरा भी परचम,
खुशियाँ ही खुशियाँ आएंगी।
