संगति का प्रभाव
संगति का प्रभाव
घुड़सवार चला बस्ती की ओर।
चोर का घर मिला पगडंडी छोर
कैद तोता बोले डाकुओं की भाषा
मधुर वाणी से ना कोई उसका नाता
घुड़सवार कुछ और आगे चला
झोपड़ी के निकट साधु मिला।
कैद तोता बोले सद्गुणों वाली भाषा
वह सभी जनों का प्रिय कहलाता।
उसने सारा वृतांत साधु को सुनाया
तोतों के व्यवहार को समझ ना पाया
बोला गुरुवर मुझे कारण समझाओ
मेरे प्रश्नों का हल बतलाओ।
रिसीवर बोले बंधु समझो यह बात
जो रहता है सदैव जिसके साथ।
उस संगति का होता है बड़ा असर
अच्छाई बुराई संगति से होती उजागर।