STORYMIRROR

Triveni Mishra

Inspirational

4  

Triveni Mishra

Inspirational

समयकुंडलियाँखोया धन फिर से

समयकुंडलियाँखोया धन फिर से

1 min
182

खोया धन फिर से मिले,

देख समय अनमोल।

 जनम तेज रथ सा चले,

बुद्धि नयन को खोल।।


बुद्धि नयन को खोल,

जो कीमत समझ पाए।

करता है उपयोग,

जीत का फल वह खाए।।


रखता है जो ध्यान,

ज़िंदगी का सुख पाया।

'त्रिवेणी' बना शान,

 रोता जो समय खोया।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational