समय समय की बात
समय समय की बात
समय समय की बात है
आज बदला हुआ इंसान है
कल जो सोचता दूसरों के बारे में
आज वो खुदगर्ज इंसान है
कलयुग का अंत अब निकट है
वेदना अब दिलो में विकट है
शब्दों में मिश्री सी मिठास है
और दिलो में नफरत की आग है
