STORYMIRROR

Preeti Sharma "ASEEM"

Abstract

4  

Preeti Sharma "ASEEM"

Abstract

समय की रीत

समय की रीत

1 min
328


समय ने ऐसी बदली रीत, 

झूठे गुणगान से पावे सम्मान।

मतलब की सब प्रीत, 

समय ने ऐसी बदली रीत,

जिससे मतलब उसका सम्मान।

बिन मतलब का पावे अपमान।।


समय ने ऐसी बदली रीत।

मतलब की सब प्रीत।


पैसे से करते गुणगान।

झूठे नाटक का है सम्मान।

सत्य को कह कर झूठ करते अपमान।

जीवन सार हुए विराम।


समय ने ऐसी बदली रीत ।

मतलब की है प्रीत


फायदे से करता है गुणगान‌।

गधे को बाप बना कर करता है सम्मान।

जीवन के मूल्यों का करता है अपमान।

समझ खुद को बैठा है भगवान। 

कर रहा जीवन को असमान।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract