समाज सेवा हमारा समाज
समाज सेवा हमारा समाज
हमारा समाज हमारी भागीदारी
मिटाएँ हम फैली कुप्रथाएँ सारी
निभाएँ समझाएँ करें वफादारी
समाज की रक्षा के लिये
मार्गदर्शक बन करे सुरक्षा सारी।
पथप्रदर्शक, दयावान बने सभी
प्रत्युत्पन्नमति, प्रियभाषी बन
घर, समाज, देश के लिए समर्पित
विश्व के हैं हम सेवककारी
हमारा समाज हमारी समझदारी।
सत्यवादी, अहिंसक बने सदाचारी
विश्वनीय, मर्मस्पर्शी हैं करुणाकारी
अग्रज, अटल युधिष्ठिर सा धैर्यवान
बने अर्जुन सा धनुषधारी
हमारा समाज हमारी जिम्मेदारी।
दिखाएँ बताएँ सभी समझदारी
उत्तम सोच से महके बगिया हमारी
हमारे कंधों पर है जिम्मेदारी
मिटाएँ फैली कुप्रथाएँ सारी
दूर करें अज्ञानता की चिंगारी।
प्रकाशित हो जाएँ दुनिया हमारी
हृदय की राह हो जाएँ उजयारी
जीवन से हटे रात अँधयारी
दिव्यता से चमक उठे ज़िदगानी सारी
निभाएँ समझाएँ करें वफादारी
मार्गदर्शक बन करें सुरक्षा सारी।
