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Vijay Kumar parashar "साखी"

Inspirational

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Vijay Kumar parashar "साखी"

Inspirational

सकारात्मक ऊर्जा

सकारात्मक ऊर्जा

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जिंदगी की सकारात्मकता को इकट्ठा कर लड़ता हूं

जीवन में नकारात्मकता पे कभी भी नहीं मरता हूं

जितनी ज्यादा आती मेरे इस जीवन में चुनौतियां ,

उतना ही ज्यादा चुनौतियों से चुन-चुनकर लड़ता हूं

एक अच्छा विचार, हमारी जिंदगी को देता है, सुधार,

अच्छे विचारों से ही जिंदगी के शूलों से लड़ता हूं

जितने चुभते है, शूल, उतना निकल आता है, मेरे खून

लहूं की बूंदों से, में अपने ज़ख़्मों को नासूर करता हूं

जिंदगी की सकारात्मकता को इकट्ठा कर लड़ता हूं


लक्ष्य को पाने के जुनून में दर्द को हमदर्द करता हूं

नकारात्मक विचार, दिल और दिमाग पे करते है, वार

में सकारात्मक किरणों से, तम को मिटाया करता हूँ

जिंदगी की समस्याओं से में कभी नहीं डरता हूं

चाँद हूँ, पूनम का, अमावस का तम मिटाया करता हूं

जिंदगी की सकारात्मकता को इकट्ठा कर लड़ता हूं

अब सुनाता हूं, ब्रिटिश पर्वतारोही ग्रिल्स की कहानी,

एवरेस्ट चढ़ते वक्त, रीढ़-हड्डी में हुआ फेक्चर तूफानी

असहनीय दर्द के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी

दो वर्ष बाद चढ़े एवरेस्ट, बने सबसे अच्छे पर्वतारोही,

किसी ने पूछा कैसे कर लेते हो ग्रिल्स काम तूफानी,

ग्रिल्स बोले सकारात्मक ऊर्जा की दोस्तों में हूं वाणी

जिंदगी की सकारात्मक को इकट्ठा करके लड़ता हूं

तब ही कर पाता हूं, दुनिया में यारों में काम तूफानी

जिंदगी की हर समस्या को याद आ जाती है, नानी

गर व्यक्ति सकारात्मक ऊर्जा का पीता है, पानी

वो इंसान क्या? पत्थरों पे भी छाप देता निशानी

जो भीतर रखते है, जगमग जुगनुओं की जवानी



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