सीता की अग्निपरीक्षा
सीता की अग्निपरीक्षा


मृत्युलोक पर जन्म लिया,
नारी जाति का सम्मान थीं।
रघुकुल राजा राम की पत्नी,
भूमि की संतान थीं ।
फिर क्यूँ ,
उनकी पवित्रता पर लगे कलंक ?
क्या समाज से थी यही अपेक्षा ?
सीता की अग्निपरीक्षा ।
लंका में चारों ओर,
छाया घोर अंधियारा था ।
सीता को लंका में बस,
राम नाम का सहारा था ।
सति बन गई थी सीता,
फिर क्यूँ थी प्रमाण की प्रतीक्षा ?
सीता की अग्निपरीक्षा ।
घास की एक ओट से ही,
स्वयं को सीता ने संभाला था ।
राम नाम के जाप से ही,
सीता के मन में उजाला था ।
सीता की पवित्रता से,
क्यूँ नहीं ली समाज ने धर्म की शिक्षा ?
सीता की अग्निपरीक्षा ।