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Meena Mishra

Inspirational

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Meena Mishra

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सीता की अग्निपरीक्षा कब तक

सीता की अग्निपरीक्षा कब तक

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जनकनंदिनी, राजदुलारी,

वसुधा तनया, विष्णु प्रिया तुम

"आस्था और अभिराम" की सीता,

हां, तुम तो हो "राम की सीता"

हां, तुम तो हो "राम की सीता


सत्य,शील,निज नाम सतित्व के,

मान और अभिमान समय के, 

तुम को मुल्य चुकाने होंगे

जुग-जुग तुमको आने होंगे

अग्निपरिक्षा देने होंगे

अग्निपरिक्षा देने होंगे


इस जीवन का सार तुम्हीं से

श्रृजन और श्रृंगार तुम्हीं से

श्रृष्टि का आधार तुम्हीं से

तुम रचना, तुम ही रचयिता

तुम्हीं सत्य हर मान तुम्हीं से

फिर यह अग्निपरीक्षा कैसी‌ ?

लगी दांव पर आन ये कैसी ?


उठो और निज शक्ति संभालो

अपने बल को देखो-भालो

मान की विगुल बजाओ सीता

अपनी कीमत तुम पहचानो

तेरी धरती तेरा ये जग

फिर क्यों हो ये अग्निपरीक्षा

फिर क्यों हो ये अग्निपरीक्षा।


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