Om Shankar
Inspirational
स्वीकृति मिल जाए तुम्हारी
तो मृत्यु का तिरस्कार आसान हो,
एक हस्ताक्षर से
आश्चर्य भी बिना प्रयास हो,
कर्तव्य की आयु
लज्जा पर प्रश्नचिन्ह लगा दे
और विजय का उत्तरदायी
योग्यता का नजदीकी रिश्तेदार हो ।
धूल
ओ प्रभु साँवर...
सहयोग
माँ दिए की बाती की भाँति खुद जल जाती पर बच्चों पर आँच न आने देती। माँ दिए की बाती की भाँति खुद जल जाती पर बच्चों पर आँच न आने देती।
पूछकर हाल दिल वो चला क्यों गया छीन कर हर खुशी ग़म मुझे क्यों दिया। पूछकर हाल दिल वो चला क्यों गया छीन कर हर खुशी ग़म मुझे क्यों दिया।
शिक्षा की यह नई लहर पूरे गांव में दौड़ आई। शिक्षा की यह नई लहर पूरे गांव में दौड़ आई।
अतुल्य भारत, अद्भुत शिल्प , बेजोड़ कला,अजब शिल्पी! अतुल्य भारत, अद्भुत शिल्प , बेजोड़ कला,अजब शिल्पी!
जिंदगी सहम गई है हौसला टूटने के कगार पर है लेकिन हमें लड़ना है! जिंदगी सहम गई है हौसला टूटने के कगार पर है लेकिन हमें लड़ना है!
कर्तव्य हमारा मानवता है, मानवता है धर्म हमारा। मानवता की धर्म ध्वजा ले, गीत प्रेम के ग कर्तव्य हमारा मानवता है, मानवता है धर्म हमारा। मानवता की धर्म ध्वजा ले, गीत प...
मीठे बोल औषधि समान होते हैं। मीठे बोल औषधि समान होते हैं।
माँ वो खिलता हुआ फूल है जो मुस्कराहट बांटती रहती है। माँ वो खिलता हुआ फूल है जो मुस्कराहट बांटती रहती है।
लाख कोशिशों के बाद भी नहीं झाड़ पाते गर्द शिकायतों की । लाख कोशिशों के बाद भी नहीं झाड़ पाते गर्द शिकायतों की ।
वास्तव में मेरा प्रथम गुरु है मेरी माता, शत- शत वंदन करे उसका मेरी वाणी वास्तव में मेरा प्रथम गुरु है मेरी माता, शत- शत वंदन करे उसका मेरी वाणी
आलसी लोग जिसको रहते हैं खोजते, कर्मठ लोगों के हाथ हैं जादुई चिराग। आलसी लोग जिसको रहते हैं खोजते, कर्मठ लोगों के हाथ हैं जादुई चिराग।
माना की कठिन है वक्त अभी, मगर यह वक्त भी बदलेगा जल्द ही । माना की कठिन है वक्त अभी, मगर यह वक्त भी बदलेगा जल्द ही ।
कराग्रे वसते लक्ष्मीः करमध्ये सरस्वती । करमूले तु गोविन्दः प्रभाते करदर्शनम ॥ कराग्रे वसते लक्ष्मीः करमध्ये सरस्वती । करमूले तु गोविन्दः प्रभाते करदर्शनम ॥
समय धारा बहती रहती है पल पल कुछ कहती रहती है। समय धारा बहती रहती है पल पल कुछ कहती रहती है।
सुना है वो मरू मरुस्थल भी हरे हो जाते हैं.... जब अपने करीबी साथ खड़े हो जाते हैं.... सुना है वो मरू मरुस्थल भी हरे हो जाते हैं.... जब अपने करीबी साथ खड़े हो जाते...
कि किसी के कोई काम जो आए ख़ुदा का ही है वो रूप। कि किसी के कोई काम जो आए ख़ुदा का ही है वो रूप।
चेत जाओ ना तो अब बचेगा परखचा नहीं। मुफ्त में तुम्हें मिला था वो तुम्हें पचा नहीं। चेत जाओ ना तो अब बचेगा परखचा नहीं। मुफ्त में तुम्हें मिला था वो तुम्हें पचा न...
यह दिखावे की नींव बहुत बुरी होती है जितने खड़े उतनी अंदर जमीन होती है। यह दिखावे की नींव बहुत बुरी होती है जितने खड़े उतनी अंदर जमीन होती है।
लोग पूछते हैं आजकल के हालात पर कुछ क्यों नही लिख रही! लोग पूछते हैं आजकल के हालात पर कुछ क्यों नही लिख रही!
या समन्दर तो अंतिम छोर है हर "धार" का। या समन्दर तो अंतिम छोर है हर "धार" का।