ओ प्रभु साँवरे !
ओ प्रभु साँवरे !
विष दे विश्वास न दे ओ प्रभु साँवरे !
संदेह को सांस न दे ओ प्रभु साँवरे !
तारापथ के नागमणी
जोड़ दो मुरादी कड़ी !
दुर्गति,अब प्रगति बने
श्रेष्ठतर हो नित घड़ी !!
खल को हँसी न दे ओ प्रभु साँवरे !
विलिन हो अधःपतन
मूर्च्छा से जागे नयन !
विप्र, मीत अजर बने
निरोगी हो तन,वतन !!
प्रिय को विरह न दे ओ प्रभु साँवरे !
निस्पृह तू, दुर्बोध तू
अनिकेत तू, प्रमोद तू !
अप्रहत वसनधारी तुम्हीं
प्रियंवदा केे विनोद तू !!
पेट मे दाढ़ी न दे ओ प्रभु साँवरे !
शर्वरी भयमुक्त कर
नर-नारी उन्मुक्त कर !
दृष्टि दूरदर्शी रहे
हिय भाव संयुक्त कर !!
ओछे को प्रीत न दे ओ प्रभु साँवरे !
संतानों में सद्बुद्धि दे
बसुधा को समृद्धि दे !
कनक तेरा कुंदन बने
भारत को प्रसिद्धि दे !!
ढोल में पोल न दे ओ प्रभु साँवरे !
