STORYMIRROR

SONIA YADAV

Romance

2  

SONIA YADAV

Romance

शराब

शराब

1 min
140

नशे में हम नहीं, पूरा ज़माना डूबा हुआ है

हर एक को तुम कैसे रोकोगे ?

कोई ग़म में तो कोई इश्क में चूर हुआ है 


जब ये जाम ही सहारा है जीने को 

तो कैसे रोक ले खुद को पीने को


किसी को ग़म है, तो है किसी को खुशी 

बस एक कश में दूर हो जाती है सारी बेरुखी


बेसुध तो हमे तुमने किया 

मेरी जान शराब तो यूँही बदनाम है


मिले कोई दवा ऐसी, जो तेरी बेवफाई भूला दे  

फिर कहीं हम कहेंगे, कोई हमारा पीना छुड़ा दे... 



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance