शिव राम हरि राज गुरु
शिव राम हरि राज गुरु
पुणे की पावन भूमि बीर सपूतों
का वंन्दन अभिनंन्दन।।
लोक मान्य तिलक शिवा की
जय जगदम्ब जननी।।
अगस्त चौबीस ऊँन्नीस सौ आठ
खेड़ पुणे वर्तमान में आजादी अस्तित्व
संघर्ष सत्यार्थ गवाह अविनि।।
पार्वती बाई हरि नारायण का भाग्य सौभाग्य
शिव राम हरि जन्म प्रादुर्भाव।।
पिता का छूटा साथ अल्पायु में दायित्व
बोझ नीति नियत का भाग्य दुर्भाग्य।।
प्राथमिक शिक्षा का खेड़ा गांव
मराठा सौर्य शक्ति साहस का बोध।।
बचपन कोमल मन भारत की आजादी संग्राम की
पृष्ठभूमि भाव काशी शिक्षा को आये शिव राम।।
लघुसिद्धांत क़ौमदी क्लिष्ठ कंठस्थ
निश्चल निर्विकार व्यायाम बचपन सौख।।
आयु मात्र पंद्रह वर्ष भारत धर्म
कर्म दर्शन का पूर्ण ज्ञान शिव राम
हरि अद्भुत किशोर।।
काशी में आजादी के दीवाने युवा
मित्र चन्द्रशेखर आजाद भगत सिंह
सुकदेव युवा आजादी आग आँगर।।
सांडर्स को मौत के घाट दिया
उतार मकशद गोरों को बतलाना
गोरों तेरा भारत मे अंत होगा वापस
जाना।।
भारत आजादी के संघर्षों में युवा त्याग बलिदान
निश्चिन्त उद्देश्य पथ का महापरिनिर्वाण।।
युवा आग अंगार फांसी फंदे को
चूमा गले लगाया जैसे फूलों का
हार माँ भारती का आशीर्वाद पुरस्कार।।
शिवराम हरि राज गुरु भारत की
आजादी के बलिदानों का प्रज्वलित
मिशाल मशाल।।
तेईस मार्च ऊँन्नीस सौ इकत्तीस
उम्र के मात्र बाईस बसंत पड़ाव
लाहौर कारागार ।।
फांसी का फंदा जैसे सावन स्वाभिमान का झूला राज गुरु की शहादत
भारत का पल प्रहर भविष्य ना भूलेगा ना वर्तमान भुला।।