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Suvarna Jadhav

Abstract

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Suvarna Jadhav

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शिशु

शिशु

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कितना सुंदर कितना प्यारा

मां-बाप की आंखों का तारा।


बोल नहीं पाता

पर ममता है समझता,

मां बाप का प्यार

केवल स्पर्श से ही जानता।


यह शिशु है कच्ची मिट्टी जैसा

बनेगा वैसा तुम बनाओगे जैसा।


संस्कार शिक्षा अच्छी देना इसे

एक अच्छा इंसान बनाना इसे।


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