STORYMIRROR

priya gupta

Classics

3  

priya gupta

Classics

शीर्षक- मैंने देखा है

शीर्षक- मैंने देखा है

1 min
43


मैंने वादा कर लोगो को

मुश्किल घड़ी में छोड़ जाते देखा है

मैंने उसूलों पर चलने वालों को बेबस 

और बेईमान को 

अकड़ दिखाते देखा है 

लोगो को करोड़ों का 

मंदिर मस्जिद बनाते देखा है

और गरीबों को सड़कों पर 

सोता देखा है

मैंने कुत्तों को खाते 

और गरीब लोगो को

भूख से मरते देखा है

सपने लिए लड़की को

घर बैठे और बिना लक्ष्य के

लड़के को स्कूल जाते देखा है

मैंने लोगों से काम से नहीं ,

मतलब के काम से 

रिश्ते बनाते देखा है

लोग औरत को कमजोर कहते है 

और उसी औरत को 

दो- दो घरों को चलाते देखा है 




Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Classics