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Manisha Manjari

Romance Tragedy Classics

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Manisha Manjari

Romance Tragedy Classics

मैं टूटता हुआ सितारा हूँ

मैं टूटता हुआ सितारा हूँ

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तेरी आहटें, मेरी खामोशियों को फ़िर छू ना पाए,

ये हवाएँ, फिर ठहरे पानी में हलचल ना मचाये।

तेरी मुस्कुराहटें मेरे वज़ूद को, फ़िर ज़िंदा ना कर पाए,

उदासियों की इस गहरी खाई में, तू कभी झाँक ना पाए।


तेरे कदम, मेरे शहर को कभी ढूंढ हीं ना पाए,

किसी सफर में तू कभी, मेरा हमसफ़र ना बन पाए।

तेरी पूनम मेरे अमावस को, कभी रौशन ना कर पाए,

इस काली रात तक तेरी सुबह, कभी पहुँच हीं ना पाए।


तेरे बादल, कड़ी धूप में मुझे छाँव दे ना पाए,

उम्मीदों के दीप फिर जले, तेरे लबों पे ऐसी बातें आ हीं ना पाए।

मैं टूटता हुआ सितारा हूँ, जो तेरी ख़्वाहिशें पूरी कर जाए,

तू मेरा हाथ थाम टूटे, वो दुआएं कभी मुझसे कबूल ना हो पाए।


एक डूबती हुई किश्ती सी हूँ मैं,

जो सफर में तेरा साथ दे ना पाए,

माना हौसलों की कमी नहीं तुझमें,

पर मेरे अँधेरे तुझे छुए, ऐसे हालात आने हीं ना पाए।


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