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Manisha Manjari

Inspirational

4  

Manisha Manjari

Inspirational

अनुभवों की उपलब्धियां

अनुभवों की उपलब्धियां

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ये इच्छाओं की कतार, ज़िन्दगी को ऐसे मोड़ पर ले आती है,

की ज़िन्दगी सुकून से जीने को, ज़िन्दगी ही तरस जाती है।

अपने दंश से ये, हर क्षण में हमें डंस जाती है,

और आंसुओं को पी कर, हमसे व्यंग्य कर मुस्कुराती है।

रौशनी का नया सागर दिखा, आँखों को ये चुंधियाती है,

और फिर धीरे-धीरे, हमारी रूह की चमक भी ये चुराती है।

दबे पाँव आकर, ज़हन को ये सहलाती है,

फिर तूफानों का प्रतिरूप बन, तिनकों में हमें बिखेर जाती है।

बहारों के सपनों से, पलकों को ये सजाती है,

फिर सूखे पत्तों की तरह, शाख से गिरा इठलाती है।

लहरों से मिलकर, ऐसे खेल ये रचाती है,

की कश्तियों को किनारा दिखा कर, डूबा जाती है।

सत्य की तलाश में, असत्य की गुमनाम गलियों में भटकाती है,

ये ख़्वाहिशें हमें, क्या से क्या बना जाती हैं।

भविष्य को कल्पनाओं का पंख दे, उड़ना सिखाती हैं,

और रेत के घरौंदे, हमें उपहार स्वरुप दे जाती है

ठोकरों की लड़ियाँ लगा, अंततः ये चलना सीखाती है,

और आशाओं के दीपक, हमारी देहरी पर जलाती है।

ये अनुभवों की उपलब्धियां हीं तो, ज़िंदगी को सजातीं है,

और अस्तित्व को फ़ना कर हीं तो, जन्नतों के क़ाबिल हमें बनातीं है।


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