शीर्षक- देश के सेवक शिक्षक
शीर्षक- देश के सेवक शिक्षक
हम देश के माली है, देश सजायेंगे।
देशभक्ति के बीज हर दिल में सींचेंगे।
वीरों की भूमि का हम मान बढ़ाएंगे।
नव कोपलों में देशप्रेम रचाएंगे ।
नव पीढ़ी गायेंगी विजय की गाथा।
मेरे देश के भविष्य को उज्ज्वल कर जायेंगे।
हम शिक्षक आज से मिलकर शपथ खायेंगे।
देश की नव पीढ़ी का भविष्य सुनहरा होगा।
भ्रष्टाचार से मुक्त मेरा भारत होगा।
कच्ची बुद्धि को तराश कर हम शिक्षक
अच्छा इंसान बनने का सबक सिखायेंगे।
हम देश के माली है हम देश सजायेंगे।
भारत की नव पीढ़ी को परोपकार, सहयोग सच्चाई से
अवगत करायेंगे।
नन्हे बच्चे जब बड़े हो जाएंगे।
शिक्षित समाज में अपनी पहचान बनायेंगे।
सतरंगी सपनों से सुंदर देश,
हरियाली खुशहाली से लहराएंगे खेत।
कोई किसान जब आत्महत्या ना करेगा।
सोने की चिड़िया सा मेरा देश चमकेगा
शांति सौहार्द से सरहद महकेगी।
अपने पन की खुशबू विश्व में महकेगी।
महामारी पर निजात पाकर
मिल जुल कर आजादी का त्यौहार मनायेंगे।
हम देश के शिक्षक मानवता का पाठ पढ़ाएंगे।
भारत में सुख शान्ति का उत्सव मनायेंगे।
नव पीढ़ी का भविष्य उज्ज्वल करने का प्रण
उठायेंगे।
भारत भूमि का गौरव गान विश्व में फैलायेंगे।।
