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ARVIND KUMAR SINGH

Inspirational

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ARVIND KUMAR SINGH

Inspirational

शहीद कोष

शहीद कोष

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जिधर भी देखूं अराजकता

ये कैसा आ गया जमाना है,

अच्छे वक्त के सारे सपनों

को किसी तरह बचाना है।


नेतागीरी भटकी सी लगती

बस कमाई का एक बहाना है,

अपने देश की खातिर मुझे

तो हर एक पैसा बचाना है।


बचा बचा के एक एक पैसा

देश को मजबूत बनाना है,

कुछ मम्मी डाले कुछ पापा

गुल्लक को और बढा़ना है।


मां मेरी अपनी गुल्लक को

फिर शहीद कोष बनाना है,

आज नहीं तो कल ही सही

पर बुरा वक्त तो आना है।


सीमा पार बैठे दुश्मन को

जो बेवजहा खून बहाना है,

गद्दारों से देखो देश भर गया

तिरंगा तक बना निशाना है।


कुर्बान हो रहे देश की खातिर

उनका भी तो कर्ज चुकाना है,

मां ,मेरी अपनी गुल्लक को

मुझे शहीद कोष बनाना है।


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