शेष
शेष
कितना कुछ देखा है मैंने,
और कितना कुछ शेष है जीवन में।
पहाड़ों की बर्फ,
समुंदर का पानी अभी देखा नहीं है मैंने।
झरनों की धार,
हिमालय के पार अभी देखा नहीं है मैंने।
राजस्थान की रेत,
मणिपुर की तैरती लेक देखी नहीं है मैंने।
जम्मू की घाटियां ,
केरल की वादियां अभी देखी नहीं है मैंने।
बद्रीनाथ की भक्ति,
जगन्नाथ की शक्ति अभी देखी नहीं है मैंने।
द्वारका में कृष्ण की गरिमा,
रामेश्वरम में शिवलिंग की महिमा देखी नहीं है मैंने।
सच में कितना कुछ देखा है ,
और कितना कुछ देखना शेष है जीवन में।।