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Arun Kumar Prasad

Inspirational

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Arun Kumar Prasad

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शाश्वत हो हमारा गणतन्त्र दिवस

शाश्वत हो हमारा गणतन्त्र दिवस

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शाश्वत हो हमारा गणतन्त्र दिवस।

हमें रहे बचाए सदा होने से परवश।

हमारी आकांक्षा को प्रभु का वर रहे।

स्वतंत्रताएँ सारे विश्व में अमर रहे।

प्राप्त हो गणतन्त्र को नेतृत्व श्रेष्ठ।

पारित,संचालित हो होता हुआ ज्येष्ठ।

शब्दों की भाषा ही कर्म भी बोले।

नेतृत्व सर्वदा ही अपने को तौले।

न्याय की प्रक्रिया हो शुद्ध जीवंत।

दंड का विधान कभी न बने आतंक।

शासन में शासित की अदम्य आस्था,

बनी रहे अखंडित, प्रभु का वास्ता!

गणतन्त्र एकता, अनेकता का है।

यह विचार हो परम,देवता का है।

‘वाद’ सारे ढोंग के पर्याय हैं बने।

देखिये हैं कैसे आमने-सामने तने।

सुख मर्यादित हो स्वच्छ्न्द नहीं।

जबतक दु:खों का हो विघटन नहीं।

संसाधन साधन हो कल्याण का।

रक्षक बन खड़ा रहे सारे प्राण का।

शिक्षा ही शौर्य हो शिक्षा सौंदर्य।

शिक्षा से बढ़कर क्या कोई ऐश्वर्य!

गणतन्त्र प्रतिज्ञा हो और संकल्प।

इसके सिवा न मानो कोई विकल्प।



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