पार्थिव पृथ्वी
पार्थिव पृथ्वी
ग्रहों का उद्भव अद्भुत।
पर, सृष्टि का संचार ब्रह्मा का है पराभव ।
मूलतः असंतुलित, व्यथित, पीड़ा पूर्ण, हिंसात्मक।
विवेकशून्य व विध्वंसात्मक।
सत्तात्मक सोचों से भरी हुई सृष्टि ।
निकृष्ट, नकारात्मक, नव विषाक्त स्त्रष्टा की सृष्टि ।
सृष्टि का शाश्वत केवल समाप्त होना है।
प्रलय सत्य है, सृष्टि संयोग।
किसी परमसत्ता का संकल्प नहीं।
और जीव रसायनों का क्रियाशील गति।
पृथ्वी में जीवन का है विध्वंस।
पृथ्वी में जीवन का है सृजन ।
पृथ्वी में कर्म की है व्याख्या। पृथ्वी में काम का है धर्म।
पृथ्वी में ईश्वर का है भ्रम।
पृथ्वी में प्रकाश का है तम।
और पृथ्वी में है तम का प्रकाश।
पृथ्वी में जीवन है अतार्किक।
अन्यथा यह श्रृंखला अन्य ग्रहों पर होता।
