सब में कुछ हुनर है
सब में कुछ हुनर है
बहुत जीवन मैंने व्यर्थ गंवाया
बहुत देर मे मुझे समझ आया
मै भी जीवन मे कुछ कर सकती हूँ
कुछ नज़्में गीत गजल मै भी लिख सकती हूँ।
हम सब में कुछ तो खास हुनर है
बस अपने आपको पहचानने की जरूरत है
मन की आँखों से दुनिया को देखो तो
हर लम्हा एक गीत गजल है।
कलम की ताकत को पहचानो
एहसासों को अपने कविता मे डालो
हर पल हर क्षण मे एक भाव छिपा है
लेखन से अपने उसे नित सजाओ।
मन मे उमड़ते भावों के मोतियों को
शब्दों की माला मे पिरो दो तो
हर उमड़ता भाव मन का
एक सुंदर गीत गजल है।
किसी की बातो से प्रेरित हो जाओ
किसी की प्रेरणा बन पाओ
गूंज जो स्मृति मे दस्तक देती रहे
एक ऐसी अनुगूंज बन जाओ।