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Sudhir Srivastava

Abstract

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Sudhir Srivastava

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सायली छंद-माचिस

सायली छंद-माचिस

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माचिस

चूल्हा जलाए

घर भी जलाए

करें कैसे

उपयोग

खुद

जल जाऊँगी

तुम्हारे काम आऊँगी

यही स्वभाव

मेरा

तीली

मात्र एक

परिदृश्य बदल देती

सावधान रहिए

विचारिये।

माचिस

न रहे

चूल्हा नहीं जलेगा

नहीं पकेगा

भोजन

औकात

मत देखो

आप सब मेरा

सोच लीजिए

पछताओगे।

सिर्फ़

एक तीली

औकात बता देती

हर कोई

नतमस्तक

माचिस

सिखाती हमें

एकता का महत्व

बँटकर हुए

अस्तित्वहीन

मुझे

भड़काओ मत,

अस्तित्व विहीन होगे

मेरे साथ

तुम


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