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Sudhir Srivastava

Abstract

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सावन या श्रावण

सावन या श्रावण

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श्रावण मास या सावन का महीना यह माह भगवान शिव की पूजा, आराधना और उनकी कृपा आशीर्वाद पाने के लिए सबसे उत्तम माना जाता है। इस माह के सोमवार की बड़ी महत्ता है, इस मास के सभी सोमवार को बड़ा महत्व मिलता है, स्त्री पुरुष सभी भक्तिभाव से यथासंभव भगवान शिव की पूजा, आराधना, जलाभिषेक, रुद्राभिषेक और व्रत, अनुष्ठान करते हैं, भगवान शिव भी उनकी मनोकामनाएं उनकी श्रद्धा विश्वास और समर्पण के अनुरूप सदैव पूरी भी करते हैं। वैसे भी जन- मानस की भी यह मान्यता है कि श्रावण मास शिव जी को विशेष प्रिय है। भगवान भोलेनाथ स्वयं ही यह कहते हैं कि मासों में श्रावण मुझे अत्यंत प्रिय है। इसका माहात्म्य सुनना, समझना, मनन, योग्य है इसी मास में श्रवण नक्षत्र युक्त पूर्णिमा होती है जिसका महात्म्य श्रवण मात्र भी सिद्धि प्रदान करता है इसीलिए इसे श्रावण कहते हैं। श्रावण मास अपने आप में विशेष है बदलाव के इस दौर में काँवड यात्राएं भी नवरुप- रंग बिखेर रही हैं, भगवान शिव जी के प्रति श्रद्धा विश्वास समर्पण की एक नई अवधारणा का परचम लहरा रही हैं। आम जनमानस स्व इच्छा से कांवड़ उठाता है आज के दौर में अपने भक्तों का ये भाव भगवान भोलेनाथ को खूब भाता है, आम हो या खास, स्त्री हो या पुरुष श्रावण मास का सबको बेसब्री से इंतजार रहता है तभी तो श्रावण मास में अभूतपूर्व हर्षोल्लास दिखता है। सुधीर श्रीवास्तव 


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