साथ चलो तो बात बने
साथ चलो तो बात बने
क्या होगा कहने भर से
मात्र दिखावा ऊपर से।
मन से साथ निभाओ तो
साथ हमारे आओ तो।
सुख-दुख मिलकर सह लेंगे
काँटों में भी रह लेंगे।
मेरे गीत तुम्हारा स्वर
गूँजेगा धरती-अम्बर।
माँगूँ साथ मुझे वह दो
कुछ मत सोचो हाँ कह दो।
मन में मत दुविधा पालो
और न कुछ देखो-भालो।
इस मन को समझा लेंगे
दो रोटी कम खा लेंगे।
प्रेमोत्सव दिन-रात मने
साथ चलो तो बात बने।
