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Rajendra Shrivastav

Classics

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Rajendra Shrivastav

Classics

साथ चलो तो बात बने

साथ चलो तो बात बने

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क्या होगा कहने भर से

मात्र दिखावा ऊपर से। 

मन से साथ निभाओ तो

साथ हमारे आओ तो।


सुख-दुख मिलकर सह लेंगे

काँटों में भी रह लेंगे।

मेरे गीत तुम्हारा स्वर

गूँजेगा धरती-अम्बर।


माँगूँ साथ मुझे वह दो

कुछ मत सोचो हाँ कह दो। 

मन में मत दुविधा पालो

और न कुछ देखो-भालो। 


इस मन को समझा लेंगे 

दो रोटी कम खा लेंगे। 

प्रेमोत्सव दिन-रात मने

साथ चलो तो बात बने।


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