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Sunil Kumar

Abstract

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Sunil Kumar

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ऋतुराज बसंत

ऋतुराज बसंत

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ऋतुराज बसंत जब आते हैं

सुखद एहसास दिलाते हैं


नव पल्लवों से वृक्ष ढक जाते हैं

पुष्प मधुर सुगंध फैलाते हैं


ऋतुराज बसंत जब आते हैं।

मां शारदे का पूजन- अर्चन कर


लोग सौभाग्य का सुख पाते हैं

ऋतुराज बसंत जब आते हैं।


मंजरियों से आम्र वृक्ष लद जाते हैं

सरसों के सुंदर पुष्प मन को हर्षाते हैं


ऋतुराज बसंत जब आते हैं।

तन-मन में उमंग नया भर


जीवन सुखद बनाते हैं

ऋतुराज बसंत जब आते हैं।


देख प्रकृति की छटा निराली

लोग राग-रंग का उत्सव मनाते हैं

ऋतुराज बसंत जब आते हैं।


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