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Sameer Sayani

Inspirational

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Sameer Sayani

Inspirational

रखवाला

रखवाला

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सरहद पर दुश्मन है खड़ा मौत का सामान लिए,

और मैं हूँ डटा सीने में फ़ौलाद लिए।


हैं इरादे काफ़िरना उस दुश्मन-ए -हिन्दुस्तान के,

मैं भी ठाने हूँ खड़ा सुपुर्द -ए -ख़ाक कर दु उसे।


जब ललकारा मैंने उसे कि आजा दो-दो हाथ अज्मा,

पीठ पर वार कर भागा बुज़दिल जवाब मे।


जाने नहीं दूँगा मैं उसे नफ़रत का फरमान लिए,

दिआ घुमा एक औंधे मुँह गिरा शैतान वो।


खून का वो मंज़र कोई नई बात नहीं,

दुश्मनो की बुजदिली कोई नई बात नहीं।


लेकिन अब इरादा कर लिआ है मैंने कसम है हिन्दुस्तान की,

ख़ाक करदूंगा उसे जो उठे कदम सरज़मी पे।


रखुँगा शान -ए -शौक़त अपने हिन्दुस्तान की,

झुकने ना दूँगा कभी तिरंगे की शान भी।


सुनले ए दुश्मन गर जो जान प्यारी है तुझे ,

मैं हूँ डटकर खड़ा सीने में फ़ौलाद लिए।


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