रिश्ते की पहचान
रिश्ते की पहचान
रिश्ते
की
पहचान
पर्दे
के
पीछे
से होती है
दीवारों के
उस पार
से होती है
रिश्ता
आप के
न होने
पर भी
रिश्ता
निभाएं
सही
मायने में
यहीं
रिश्ता
असली
रिश्ता
होता है
जो
सफर में
साथ
चले
सही
मायने में
वहीं
रिश्ता
सही हैं
बाकी
रिश्ता
धोखा है
रिश्ते की
कीमत
रिश्ता
निभाने
वाले
ही
जान
सकते है
रिश्ता
जीवन
का
कारण है
जो
रिश्ता
दुर्दिन
में
साथ दे
वो
रिश्ता ही
जीवंत हैं
बाकी
सब
मृत
और
नाम
मात्र
के है
