रीत दुनिया की
रीत दुनिया की
जानता है वह भी कि उसकी दलीलों में दम नहीं पर बात कह दी है तो
अब पीछे हट सकते नहीं
पूछो उनसे जरा कि
वे किस दुनिया से आए हैं
यहां तो हर कदम पर काफिला झूठों का
सड़क पर जमघट लगाए है
पूछो जरा उनसे की
कभी झांका है अपने भविष्य में
जो दूसरों के लिए सोचा है
कहीं कोई तेरे लिए भी वही लिए बैठा है
रीत है दुनिया के कुछ ऐसी
भला कुछ करोगे आज तो
मिलेगा कल तुम्हें वही
जो कोई तेरे लिए कर गया है।
