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AVINASH KUMAR

Abstract Romance

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AVINASH KUMAR

Abstract Romance

रात बिस्तर नींद सपने और तुम

रात बिस्तर नींद सपने और तुम

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रात बिस्तर नींद सपने और तुम

बस तुम्हारी याद अपने और तुम


बड़बड़ाते हैं अभी भी नाम तेरा

बस तुम्हारी याद जपने और तुम


हर घड़ी हम कर रहे हैं बात तेरी

चल दिये हम राह नपने और तुम


दूर होकर आज तुमसे लग रहा 

हम चले है आँख ढपने और तुम


बेख़बर होकर भला हम क्यों जिये

आ गया तुझमें ही खपने और तुम।


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