राह
राह
सीधे सूनसान राहों से गुजरते आता
सड़क का एक मोड़।
लगा देता गति पर है वो रोक।
सिखा देता रुककर सम्भलकर तुम्हें बढ़ना,
नहीं तो संकट मिलेगा आगे की ओर।
जिंदगी का भी तजुर्बा यही है,
खुशी में मगन जब चले अपनी धुन में,
तभी चला आता झंझावात,
हिला देता हमको,
ऊपर से नीचे की ओर,
तोड़ देता सारे अरमान,
और बताता जिंदगी सिर्फ यही है नहीं।
दुख तकलीफें भी हैं मिलेंगी,
आगे की मोड़ पर सही।
सीधे सुनसान रास्तों पर लगे वो पेड़,
कराते सुखद सा एहसास।
ये सफर है बड़ा ही खास।
याद रह जाएंगी सफर खत्म होने के बाद भी
यह मन में है विश्वास।
जिंदगी के सफर में भी कुछ अनोखे एहसास,
जो उम्र भर रह जाते याद
देते खुशनुमा एहसास।
सड़क और जिंदगी का बहुत कुछ है
समान ही हालात।