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Devkaran Gandas

Romance Classics

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Devkaran Gandas

Romance Classics

प्यारी लागे है राधारानी

प्यारी लागे है राधारानी

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मोहे प्यारी लागे है राधारानी

मोरे मन को लुभावे उसकी वाणी।


बृज में हैं खेले हमने खेल घनेरे

बाल ग्वाल मुख चर्चा तेरे-मेरे

अब मिलने से काहे करे आनाकानी

मोहे प्यारी लागे है राधारानी।


रास रचाया हमने प्रीत बढ़ाई

राधिका को मैंने अपनी मीत बनाई

लेके मन मोरा मुझसे करे मनमानी

मोहे प्यारी लागे है राधारानी।


जमुना किनारे हमने गैया चराई

राधिका के संग मैंने होली मनाई 

उसके है नाम से चले है जिंदगानी

मोहे प्यारी लागे है राधारानी।


गोरी गोरी राधिका, मैं सांवला सलोना 

कैसा किया है उसने मुझ पे जादू टोना 

मिल ले अब मुझसे, ढले सांझ सुहानी

मोहे प्यारी लागे है राधारानी।


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