प्यार की परिभाषा
प्यार की परिभाषा
प्यार तीन तरीके का होता है ।
"पहला" - जो भी मिल जाए उससे "प्यार" करलो ,ये एक तरह का समझौता है ।
"दूसरा" - जिससे प्यर करो वह मिल जाए ,ये एक सफलता है और....
"तीसरा" - ये जानते हुए कि वो आपको कभी नहीं मिलेगा फिर भी आप उससे प्यार करें, ये "सच्चा" प्यार है ।
उसका वादा भी अजीब था कि जिंदगी भर साथ निभायेंगे...
मैंने भी ये नहीं पुछा की मोहब्बत के साथ... या यादों के साथ..??
बड़ी अजीब सी मोहब्बत थी तुम्हारी ।
पहले पागल किया.. फिर पागल कहा, फिर पागल समझ कर छोड़ दिया ।
तेरी तो फितरत थी सबसे मोहब्बत करने की ।
हम तो बेवजह खुद को खुशनसीब समझने लगे ।