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Kavi Sammelan

Drama Romance

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Kavi Sammelan

Drama Romance

पुकार

पुकार

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तुम्हे याद करके पुकारा करेंगे,

तनहा रात ऐसे ही गुजारा करेंगे

लौट आओ शायद तुम उस गली,

जहाँ फिर दिल अपना हारा करेंगे..


मुन्तजिर सा कब से खड़ा था मैं,

ऐसी राहों से अब किनारा करेंगे..

हर राज बेनकाब कर के सनम,

तेरी तस्वीर दिल में उतरा करेंगे..


मन तुझसे इश्क करना खता है,

पर यक़ीनन ये खता दुबारा करेंगे..!

लबों से इजहार जो न कर पाओ,

तो निगाहों से फिर इशारा करेंगे..


हो जाये जो क़ुबूल

मेरी भी मुहब्बत,

सरे बाजार फिर

जश्न-ऐ-बहारा करेंगे..!!



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