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नमस्कार भारत नमस्ते@ संजीव कुमार मुर्मू

Abstract Tragedy Inspirational

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नमस्कार भारत नमस्ते@ संजीव कुमार मुर्मू

Abstract Tragedy Inspirational

प्रिय आचरण लोक

प्रिय आचरण लोक

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प्रिय आचरण लोक 

कुछ जन्म से जन्मे  

प्रत्येक...आकर्षित

प्रिय स्वभाव लोक  


कुछ ना कभी पसंद  

अन्य कुछ न..पसंद 

और न ही..नापसंद

कर दिए जाते.क्यों ?  

वे मात्र.....उपेक्षित 


प्रिय आचरण लोक 

कुछ जन्म से जन्मे  

प्रत्येक...आकर्षित

प्रिय स्वभाव लोक  


आकर्षक गुणों स्वभाव

असमान प्रति वितरण 

उत्तरदायी नहीं...ईश्वर 


प्रिय आचरण लोक 

कुछ जन्म से जन्मे  

प्रत्येक...आकर्षित

प्रिय स्वभाव लोक  


प्रत्येक के में चरित्र 

भिन्नताएं......स्वयं

अपनी हैं.....उपज  

प्रिय..गुणों..अप्रिय  

अपने इस...जीवन 

उत्पन्न बड़ा अन्याय


प्रिय आचरण लोक 

कुछ जन्म से जन्मे  

प्रत्येक...आकर्षित

प्रिय स्वभाव लोक  


कुछ से ही आरंभ  

प्रिय अच्छे...गुणों 

अप्रिय अन्य...बुरे 

उत्तरदायी..भेजने 

सुविधा असुविधा 


प्रिय आचरण लोक 

कुछ जन्म से जन्मे  

प्रत्येक...आकर्षित

प्रिय स्वभाव..लोक  


कुछ प्रवृत्तियों में...बुरी  

दूसरों प्रवृत्तियों अच्छी  

अतः ईश्वर..........नहीं

........उत्तरदायी........


प्रिय आचरण लोक 

कुछ जन्म से जन्मे  

प्रत्येक...आकर्षित

प्रिय स्वभाव..लोक  


स्वयं अपना और 

विश्लेषण..दूसरों 

अधिक आकर्षक

स्वयं को...अंदर 

प्रिय बनना लोक


प्रिय आचरण लोक 

कुछ जन्म से जन्मे  

प्रत्येक...आकर्षित

प्रिय स्वभाव..लोक  


आकर्षक भी...है 

कभी- कभी वाणी

शारीरिक......रूप 

अत्यधिक विकर्षक 

क्रिया अंदर उसके  

कुरूपता कलापों  

झलकती है उसके


प्रिय आचरण लोक 

कुछ जन्म से जन्मे  

प्रत्येक...आकर्षित

प्रिय स्वभाव..लोक  


अच्छे....और....बुरे 

तय प्रकार गुण कई  

अच्छाई को अच्छाई 

बुराई आकर्षित बुराई 


प्रिय आचरण लोक 

कुछ जन्म से जन्मे  

प्रत्येक...आकर्षित

प्रिय स्वभाव..लोक  


आकर्षण ऐसा उत्पन्न

वह' लाने की...इच्छा 

करना नहीं.....करनी 

अच्छाई ओर हमारी  

आकर्षित...अच्छाई 


प्रिय आचरण लोक 

कुछ जन्म से जन्मे  

प्रत्येक...आकर्षित

प्रिय स्वभाव..लोक  


बाहरी तत्व सुंदर 

चेहरा या कपड़े..

नहीं! हमें....इसे.

.....आकर्षण.....


प्रिय आचरण लोक 

कुछ जन्म से जन्मे  

प्रत्येक...आकर्षित

प्रिय स्वभाव..लोक  


हर चेहरा एक दर्पण

प्रकट बदलती भावना 

विचार और मनोदशा

ज्वार-भाटा चेहरे की

सागर की लहरों बहते 


प्रिय आचरण लोक 

कुछ जन्म से जन्मे  

प्रत्येक...आकर्षित

प्रिय स्वभाव..लोक  


निरंतर मुखाकृति 

बदलते हैं....रहते 

जिससे भी मिलते 

आपके मुख पर 

भावों अंदर देख 

अनुरूप प्रतिक्रिया 


प्रिय आचरण लोक 

कुछ जन्म से जन्मे  

प्रत्येक...आकर्षित

प्रिय स्वभाव..लोक  


याद रखें,व्यक्ति विषेश

कुछ हद तक...पहनावे 

अधिकांशतः.........वह 

आचरण उनकी पहचान


प्रिय आचरण लोक 

कुछ जन्म से जन्मे  

प्रत्येक...आकर्षित

प्रिय स्वभाव..लोक।


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