परी हो ....
परी हो ....
परी हो ....
ऊपर वाले की देन ऐसी सुन्दर परी हो।
तराशा है तुमको बड़े ही इत्तेफाक से उसने,
सुंदरता की मिसाल दी जाती है तुमसे,
पुरे विश्वा की सुंदरता की बौछार की है तुम पे,
फूलो की बाग़ भी खिल जाते हैं बस आपकी खुशबू से।
नाजुक सी अदा पे घायल है जमाना,
आपकी झलक का सूरज भी है दीवाना,
दिन के साथ रात में भी है उसका आना-जाना।
दुआ है आपसे सूरज पे थोड़ा रहम करना।
आप की झलक से रात में उसको भी सुला देना,
नजर भी नहीं हटेगी ताकते रहेंगे बेशर्मी से,
कातिल उस अदा पे फ़िदा है ये अनजाना,
आँखों मे है ऐसा कातिल सा नशा,
जिंदगी भी काट लेंगे इन नशीली आँखों के साथ।
उपर वाले ने क्या क़यामत ढाई है,
आपको देखने की आदत हमें लगाई है,
काश उनके कंधो पे सर रख पाते,
हाथों में हाथ ले के पूरी दुनिया घूम पाते।
खुश किस्मत है वो साँस जो हमेशा आपकी रहती है,
आपके साथ होने से साँसों मे भी जान आ जाती है,
बोलूंगा उस खुदा से हमें भी उनकी साँसों में बसना,
उनकी हर एक साँस में उनका हो जाना।
उनकी हर एक साँस में उनका हो जाना ।।

